भारत पर ‘ब्रिटिश इण्डिया’ के शासन का ६९वां साल


सन १५ अगस्त सन १९४७ से पहले भारत के लगभग २५% भू-भाग पर ही ब्रिटेन का प्रत्यक्ष शासन था, जो ‘ब्रिटेन शासित भारत’अर्थात ‘ब्रिटिश इण्डिया’ कहलाता था । शेष भू-भाग पर ब्रिटिश-क्राउन अर्थात ब्रिटेन की महारानी का परोक्ष आधिपत्य था , शासन यहां के राजाओं-रजवाडों का ही था । वह शेष भाग ‘देसी रियासत’ कहलाता था । उन रियासतों पर महारानी का आधिपत्य ‘ब्रिटिश इण्डिया ’ के कारण ही कायम था । १५ अगस्त को माऊण्ट बैटन के द्वारा उसी ‘ब्रिटिश इण्डिया’ को ‘पाकिस्तान’ और ‘इण्डिया’ नामक दो ‘डोमिनियन’ (अधिराज्य) बना कर उसका शासन क्रमशः ‘मुस्लिम लीग’ और ‘कांग्रेस’ के नेताओं- जिन्ना और जवाहर के हाथों हस्तान्तरित कर दिया गया , तो उसके साथ ही उन रियासतों पर से ब्रिटिश-महारानी का आधिपत्य भी हटा लिया गया । जिस ‘इण्डियन इण्डिपेण्डेन्स एक्ट ’ नामक ब्रिटिश कानून के तहत वह विभाजन और सत्ता-हस्तान्तरण हुआ, उस कानून के तहत ‘ब्रिटेन शासित भारत’ से बाहर के उन तमाम रियासतों को ‘ब्रिटिश इण्डिया’ के दोनों डोमिनियनों (इण्डिया व पाकिस्तान) में से किसी एक में शामिल हो जाने अथवा नहीं होने का प्रावधान किया गया था । किन्तु अप्रत्यक्ष रूप से रचे गए उस षड्यंत्र से निर्मित परिस्थितियों के कारण कुछ को छोड प्रायः सभी रियासतें अपनी-अपनी सुविधानुसार ‘ब्रिटिश इण्डिया’ के ही दोनों डोमिनियनों, अर्थात पाकिस्तान अथवा इण्डिया में शामिल हो गईं । जो नहीं शामिल हुईं उन्हें बलपूर्वक शामिल कर-करा लिया गया । इस तरह से समूचे भारत पर कायम हो गए पाकिस्तान और इण्डिया नामक दो ‘डोमिनियन’ (अधिराज्य) । अब इसे आप क्या कहेंगे ? जाहिर है , आप यही कहेंगे-“ भारत पर ब्रिटिश इण्डिया का शासन ! ” कुछ पढे-लिखे बेवकूफ लोग और सच्चा इतिहास नहीं पढने वाले बुद्धिबाज लोग दूसरे शब्दों में इसे ‘स्वराज’ अथवा ‘स्वशासन’ कहते हैं , जिसका अर्थ भी यही है । अर्थात भारत पर ब्रिटेन का ‘स्व’शासन अथवा ब्रिटेन का ‘स्व’राज , जिसे कायम हुए बीत गए ६९ साल ।